चरखले वाली तेरा चरखा बोले सतनाम,
Category: विविध भजन
गिन गिन ने गाय सम्हालो लाछा ये गुजर वो
मथुरा घूमी गोकुल घूमी, मैं घूमी ब्रज धाम रे,
अपने चरणों की भक्ति भगवान् मुझे दे दो
तेरा दर मिल गया मुझको सहारा हो तो ऐसा हो,
कार्तिक कठिन बहार कार्तिक नहाओ जी
आया बैसाखी त्योहार, तेरे दर ते संगता पहुंच गईया,
है जिंदगी कितनी खूबसूरत, जिन्हें अभी ये पता नही है
नाकोडा में पार्श्व भैरव का, कितना सुंदर धाम है,
प्रभु जी काया की बन गई रेल,
रेल गाड़ी चलने वाली है,
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