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विविध भजन

Charakhne wali tera charkha bole satnaam,चरखले वाली तेरा चरखा बोले सतनाम,

चरखले वाली तेरा चरखा बोले सतनाम,

चरखले वाली तेरा चरखा बोले सतनाम,
नौ महीना में खाली घर में मैंने चरखा करो तैया
चरखले वाली तेरा चरखा बोले सतनाम….



चतुर बढ़ाई के ने ऐसो मड दिया,
याके ऊपर मढ़ दियो चाम,
चरखले वाली तेरा चरखा बोले सतनाम….



बीस तो यामें लगी रे पंखुडी,
याके रोम रोम हरिराम,
चरखले वाली तेरा चरखा बोले सतनाम….



सत्यनाम को तकुआ मंगाया,
यामैं बीच गेर दिए तार,
चरखले वाली तेरा चरखा बोले सतनाम….



चरखा कात मैंने पीदिया उतारी,
वह झटपट लइ उतार,
चरखले वाली तेरा चरखा बोले सतनाम….



लोभ मोह के गूंजे लगाए,
याए कुतर कुतर के खाएं,
चरखले वाली तेरा चरखा बोले सतनाम….



कहत कबीर सुनो भाई साधु,
यह चरखा रखो ना जाए,
चरखले वाली तेरा चरखा बोले सतनाम….



चरखा बनाया कबीर दास ने,
या की आभा से मन मिल जाए,
चरखले वाली तेरा चरखा बोले सतनाम….

चरखले वाली तेरा चरखा बोले सतनाम,
नौ महीना में खाली घर में मैंने चरखा करो तैयार
चरखले वाली तेरा चरखा बोले सतनाम….

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