हे दशरथ नंदन राम बन्ना मिथिलापुर तुमको जाना है
Category: राम भजन लिरिक्स
तीन त्रिलोकी रो नाथ जटायु ने गोद लियो
लिख परवाना भेजिया हनुमान बेगो आव रे,
मुझको तो बस राम राज्य ही चाहिए।
राम जी लब पे आन बसो तुम मेरे राम जी।
राम राम तुम जपा करो ना राम से बड़ा है कोई।
मैंने भावों से प्रभु को बुलाया, हां द्वार मेरे राम आए।
ले आजा पिता माता की, श्री राम बन को चल दिए।
सरयू के खड़े किनारे श्रीराम मांग रहे नैया
पूछ रहे श्री राम सिया तुम के बहना।
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