जनम लियो ज्यांने मरणो पड़सी ,
Category: निर्गुण भजन nirgun Bhajan
एक सहारा तेरा भगवान एक सहारा तेरा।
,पक्षी छोड़ ताल उड़ गया पता नही जाने कीत बढ़ गया
थाने बार बार नहीं मिलसी रे,
मिनक जन्म रो चौघड़ीयो।,
बन्दा थारी नींदड़ली ने निवार, ओ तो जग झूठो है संसार
जुग में कायम कुण नर रहता
हरि भज हरि भज हरि भज प्राणी,
एक दिन पिंजरो पड़ जासी,
उस कुवे का आखिर क्या करना जिस कुएं का पानी खारा हो,
साँसों का क्या भरोसा, रुक जाए चलते चलते
हे पिंजरे की ये मैना, भजन कर ले राम का,
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