Categories
निर्गुण भजन nirgun Bhajan विविध भजन

Bande Jaag bhai ab Bhor prakash gandhi lyrics,बंदे जाग भई अब भोर  रे,

बंदे जाग भई अब भोर। रे बंदे जाग भई अब भोर  । बहुत सोया जन्म खोया, यहां नहीं कोई तोड़ रे। जाग भई अब भोर । रे बंदे जाग भई अब भोर  ।

लोभ मोह अहंकार तृष्णा।लोभ मोह अहंकार तृष्णा।संग लिन्हीं कोय। पछताओगे आदि अंत से, चाहिहो कोनी और।।बंदे जाग भई अब भोर।  रे बंदे जाग भई अब भोर  ।बहुत सोया जन्म खोया, यहां नहीं कोई तोड़ रे। जाग भई अब भोर  ।रे बंदे  जाग भई अब भोर  ।

जठर अगेन सो तोही उबाला। रक्षा किन्हीं तोर।एक पलक तूं राम ना सुमिरो,बहुत हरामि खोर।बंदे जाग भई अब भोर।  रे जाग भई अब भोर  ।बहुत सोया जन्म खोया, यहां नहीं कोई तोड़ रे। जाग भई अब भोर।  रे बंदे  जाग भई अब भोर  ।

बार-बार समझाई देखा।बार-बार समझाई देखा। कहां ना माने मोर। कहे कबीर सुनो भाई साधु, दरीक जीवन जग तोर।बंदे जाग भई अब भोर।  रे जाग भई अब भोर  रे।बहुत सोया जन्म खोया, यहां नहीं कोई तोड़ रे। जाग भई अब भोर  रे।बंदे  जाग भई अब भोर ।

बंदे जाग भई अब भोर  रे।बंदे जाग भई अब भोर  रे। बहुत सोया जन्म खोया, यहां नहीं कोई तोड़ रे। जाग भई अब भोर  रे।बंदे  जाग भई अब भोर  रे।

Leave a comment