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विविध भजन

Arri oh by,kailash kher,अरी ओ लाडली अपने माथे का टीका संभाल

अरी ओ लाडली अपने माथे का टीका संभाल।

तेरी चुनरी में तारों की झालर सजे, और कानों के कुंडल से झांके है चांद। तेरी आंखों से बूंदो के मोती झरे। जैसे धरती से अंबर हो एक दो बिलांद।आ हां रे अनोखी, अरी ओह बावरी। अरि ओ मनचली , अरी ओ अलबेली। अरी ओ लाडली अपने माथे का टीका संभाल।अरी ओ लाडली अपने माथे का टीका संभाल।

अरी ओ तारीका अरि ओ री परी। कोई दुनिया से एकदम अलग सी ई। तेरे पैरों की थापों से डोले जिया। तेरे हालो से चालों से सरसरी। अरी ओ अनोखी, अरी ओह बावरी। अरि ओ मनचली , अरी ओ अलबेली। अरी ओ लाडली अपने करधन की तगड़ी सम्हाल।अरी ओ,अरी ओ,अरी ओ,अरी ओ।अरी ओ लाडली अपने माथे का टीका संभाल।अरी ओ लाडली अपने माथे का टीका संभाल।

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