ऊंचे ऊंचे पर्वत काहै, हमको अपने पास बुलाये। किस्मत वाले होते हैं वो, मां जिनको आवाज लगाए। सपने में जगदंबा ने, अपना द्वार दिखाया है। आज तो रुकना मुश्किल है, मां का बुलावा आया है।सपने में जगदंबा ने, अपना द्वार दिखाया है। आज तो रुकना मुश्किल है, मां का बुलावा आया है।आज तो रुकना मुश्किल है, मां का बुलावा आया है।
मेरी आंखों में जो देखी, तूने पीड थोड़ी सी भी। हंसते-हंसते माई तेरे नैना भरे हैं।मेरी आंखों में जो देखी, तूने पीड थोड़ी सी भी। हंसते-हंसते माई तेरे नैना भरे हैं। तेरे जैसा कौन जग में, जो चूभे है कांटे पग में। मुझसे पहले माई तेरे आंसू गिरे हैं। बेटा मां को भूल भी जाए, मां ने कहां भूलाया है।आज तो रुकना मुश्किल है, मां का बुलावा आया है।सपने में जगदंबा ने, अपना द्वार दिखाया है। आज तो रुकना मुश्किल है, मां का बुलावा आया है।आज तो रुकना मुश्किल है, मां का बुलावा आया है।
पौड़ी पौड़ी चढ़ते जाओ कहते जो जय माता दी।। पास बहुत है मां का मंदिर ,सब दोहराहो जय माता दी। रुकने पाए ना जयकारा ,सारे गाओ जय माता दी।सारे गाओ जय माता दी। पांव के छाले बोल रहे हैं, मां के सिवा सब माया है।आज तो रुकना मुश्किल है, मां का बुलावा आया है।सपने में जगदंबा ने, अपना द्वार दिखाया है। आज तो रुकना मुश्किल है, मां का बुलावा आया है।आज तो रुकना मुश्किल है, मां का बुलावा आया है।
सपने में जगदंबा ने, अपना द्वार दिखाया है। आज तो रुकना मुश्किल है, मां का बुलावा आया है।आज तो रुकना मुश्किल है, मां का बुलावा आया है।