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विविध भजन

Meri gudiya by Vicky d parekh,मासूम सी गुड़िया मेरी सबकी है तू धड़कन

मासूम सी गुड़िया मेरी, सबकी है तू धड़कन

तर्ज, पालकी में होके सवार चली रे

मासूम सी गुड़िया मेरी, सबकी है तू धड़कन। सुन सुन सुन। जान से भी प्यारी है तेरी हंसी रे, लाडो मेरी तुझ में ही जान बसी रे।जान से भी प्यारी है तेरी हंसी रे, लाडो मेरी तुझ में ही जान बसी रे।

तु चांद की उजली किरण, तुझसे ही घर रोशन।जान से भी प्यारी है तेरी हंसी रे, लाडो मेरी तुझ में ही जान बसी रे।जान से भी प्यारी है तेरी हंसी रे, लाडो मेरी तुझ में ही जान बसी रे।

बचपन की तेरी यादें वह प्यारी ।बचपन की तेरी यादें वह प्यारी ।संग लाई खुशियां तू बेशुमारी। घर में पड़े जो तेरे कदम, नन्हे कदम हां नन्हे कदम तुझसे ही सांसों की डोर बंधी रे।लाडो मेरी तुझ में ही जान बसी रे।जान से भी प्यारी है तेरी हंसी रे, लाडो मेरी तुझ में ही जान बसी रे।

मासूम सी गुड़िया मेरी, सबकी है तू धड़कन। सुन सुन सुन। जान से भी प्यारी है तेरी हंसी रे, लाडो मेरी तुझ में ही जान बसी रे।जान से भी प्यारी है तेरी हंसी रे, लाडो मेरी तुझ में ही जान बसी रे।

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