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शिव भजन लिरिक्सshiv bhajan lyrics

Bhole Shankar ka Shradha se sumiran karo by sonu nigam,भोले शंकर का श्रद्धा से सुमिरन करो द्वार बंद है जो भाग्य के खुल जाएंगे,shiv bhajan

भोले शंकर का श्रद्धा से सुमिरन करो द्वार बंद है जो भाग्य की खुल जाएंगे

भोले शंकर का श्रद्धा से सुमिरन करो, द्वार बंद है जो भाग्य के खुल जाएंगे। पुष्प भक्ति के चरणों में अर्पण करो। मोती अनमोल खुशियों के मिल जाएंगे।भोले शंकर का श्रद्धा से सुमिरन करो, द्वार बंद है जो भाग्य के खुल जाएंगे।

शिव की चौखट पर मस्तक झुका दीजिए, जाने मन कि वो, मुंह से कहो ना कहो। तुम कष्टों में धीरज ना खोना कभी। भूलकर दुनिया को उसके होके रहो। सचि निष्ठा से दिन-रात अर्चन करो, काले बादल यह संकट के टल जाएंगे।भोले शंकर का श्रद्धा से सुमिरन करो, द्वार बंद है जो भाग्य के खुल जाएंगे।

पतित पावन पिता है वह संसार का, उसे दयाल की हम सारी संतान है। वह परखता है भक्तों के विश्वास को, मूढ़ अज्ञानी हम ही तो नादान है। घेरे चिंता तो उसका ही चिंतन करो, पांव दुख में भटकते संभल जाएंगे।भोले शंकर का श्रद्धा से सुमिरन करो, द्वार बंद है जो भाग्य के खुल जाएंगे।

जिन पर शंभू के करुणा की होती नजर, बाल बांका कभी उनका होता नहीं। जिसकी रखवाली करता जटा जुट वो, जग कि वो बलाओं से डरता नहीं। दीनबंधु का हर पल ही बंदन करो, दिन स्वयं ही तुम्हारे बदल जाएंगे।पुष्प भक्ति के चरणों में अर्पण करो। मोती अनमोल खुशियों के मिल जाएंगे।भोले शंकर का श्रद्धा से सुमिरन करो, द्वार बंद है जो भाग्य के खुल जाएंगे।भोले शंकर का श्रद्धा से सुमिरन करो, द्वार बंद है जो भाग्य के खुल जाएंगे।

भोले शंकर का श्रद्धा से सुमिरन करो, द्वार बंद है जो भाग्य के खुल जाएंगे। पुष्प भक्ति के चरणों में अर्पण करो। मोती अनमोल खुशियों के मिल जाएंगे।भोले शंकर का श्रद्धा से सुमिरन करो, द्वार बंद है जो भाग्य के खुल जाएंगे।

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