तर्ज, मैं हूं छोरी मालन की
फागण आला मेला आया, दर पर रौनक भारी से।फागण आला मेला आया, दर पर रौनक भारी से। दर पर रौनक भारी से, तेरे दर पर रौनक भारी से। श्याम धनी से खेला होली, सबके मन में आरी से।श्याम धनी से खेला होली, सबके मन में आरी से।फागण आला मेला आया।
ले निशान हाथों में चाले, खूब धरी जयकारी से।ले निशान हाथों में चाले, खूब धरी जयकारी से। रिंगस से खाटू की दूरी,रिंगस से खाटू की दूरी, खत्म हो गई सारी से।श्याम धनी से खेला होली, सबके मन में आरी से।फागण आला मेला आया।
श्याम नाम की मस्ती चढ़ गई ,घर-घर कीर्तन जारी से।श्याम नाम की मस्ती चढ़ गई ,घर-घर कीर्तन जारी से। खीर चूरमा भर भर थाली,खीर चूरमा भर भर थाली, सारी संगत लारी से।श्याम धनी से खेला होली, सबके मन में आरी से।श्याम धनी से खेला होली, सबके मन में आरी से।फागण आला मेला आया।
जग में मेरा सेठ सांवरा, बहुत बड़ा बलकारी से।जग में मेरा सेठ सांवरा, बहुत बड़ा बलकारी से। लखदातार कहावे बाबा,लखदातार कहावे बाबा, श्याम धनी अवतारी से।श्याम धनी से खेला होली, सबके मन में आरी से।श्याम धनी से खेला होली, सबके मन में आरी से।फागण आला मेला आया।
फागण आला मेला आया, दर पर रौनक भारी से।फागण आला मेला आया, दर पर रौनक भारी से। दर पर रौनक भारी से, तेरे दर पर रौनक भारी से। श्याम धनी से खेला होली, सबके मन में आरी से।श्याम धनी से खेला होली, सबके मन में आरी से।फागण आला मेला आया।