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श्याम भजन लिरिक्स

Sanwariya mhari kutiya me aao by Manish madhur,सांवरिया म्हारी कुटिया में आओ,shyam bhajan

खाटू का सिंहासन छोड़ ,बाबा घर मेरे आओ।

सांवरिया म्हारी कुटिया में आओ।सांवरिया म्हारी कुटिया में आओ।सांवरिया म्हारी कुटिया में आओ।सांवरिया म्हारी कुटिया में आओ।

खाटू का सिंहासन छोड़ ,बाबा घर मेरे आओ।खाटू का सिंहासन छोड़ ,बाबा घर मेरे आओ। जो रूखा सुखा है, कभी भोग लगा जाओ।खाटू का सिंहासन छोड़ ,बाबा घर मेरे आओ।खाटू का सिंहासन छोड़ ,बाबा घर मेरे आओ।

जन्मों से प्यासी है, यह श्याम मेरी अखियां। एक राधा एक मीरा, तेरी दोनों ही सखियां।जन्मों से प्यासी है, यह श्याम मेरी अखियां। एक राधा एक मीरा, तेरी दोनों ही सखियां। इन सखियों की बाबा, अब प्यास बुझा जाओ।खाटू का सिंहासन छोड़ ,बाबा घर मेरे आओ।खाटू का सिंहासन छोड़ ,बाबा घर मेरे आओ।

सपनों में तो आते हो, क्या घर नहीं आना है। अर्जी ना सुनने का, कोई नया बहाना है।सपनों में तो आते हो, क्या घर नहीं आना है। अर्जी ना सुनने का, कोई नया बहाना है। बाबा तुम पारस हो ,मुझे सोना कर जाओ।खाटू का सिंहासन छोड़ ,बाबा घर मेरे आओ।खाटू का सिंहासन छोड़ ,बाबा घर मेरे आओ।

हारे के सहारे हो, मेरी बाह पकड़ लो ना। तेरी दया के काबिल हो, ये कहां मेरी औकात।हारे के सहारे हो, मेरी बाह पकड़ लो ना। तेरी दया के काबिल हो, ये कहां मेरी औकात। तेरे मधुरम सागर से, दो बूंद पीला जाओ।खाटू का सिंहासन छोड़ ,बाबा घर मेरे आओ।खाटू का सिंहासन छोड़ ,बाबा घर मेरे आओ।

खाटू का सिंहासन छोड़ ,बाबा घर मेरे आओ।खाटू का सिंहासन छोड़ ,बाबा घर मेरे आओ। जो रूखा सुखा है, कभी भोग लगा जाओ।खाटू का सिंहासन छोड़ ,बाबा घर मेरे आओ।खाटू का सिंहासन छोड़ ,बाबा घर मेरे आओ।

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