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शिव भजन लिरिक्सshiv bhajan lyrics

Shiv ke bande by Chaudhary bandhu,श्री शिवाय नमस्तुभ्यं,shiv bhajan

श्री शिवाय नमस्तुभ्यं,

हर हर हर हर, हर हर हर हर,  महादेव शिव शंभू। तीनों लोक के स्वामी तुम हो ,बाबा शंकर शंभू।हर हर हर हर, हर हर हर हर,  महादेव शिव शंभू। तीनों लोक के स्वामी तुम हो ,बाबा शंकर शंभू।

धरती अंबर पाताल कहे, सबके ऊपर महाकाल रहे। महाकाल का जिस पर हाथ रहे, वह भक्त सदा खुशहाल रहे।धरती अंबर पाताल कहे, सबके ऊपर महाकाल रहे। महाकाल का जिस पर हाथ रहे, वह भक्त सदा खुशहाल रहे।हर हर हर हर, हर हर हर हर,  महादेव शिव शंभू। तीनों लोक के स्वामी तुम हो ,बाबा शंकर शंभू।

नभ से ऊंचा शीश तेरा, पाताल में तेरे चरण है। भुजाएं तेरी है अनंत, यह तारे तेरी शरण है।तारे तेरी शरण है भोले तारे तेरी शरण है। त्रिनेत्र धारी नेत्र पुरारी बागमबर तेरी अंगी। भूत प्रेत सब धोक लगावत नंदी तेरे संगी।नंदी तेरे संगी बाबा नंदी तेरे संगी। हमें भी दो वरदान सदा शिव, हम भी तेरे गण है। उमापति कैलाश निवासी, हम भी तेरे कण है।

जटा से तेरे निकली गंगा, गले में सर्प बिराजे। हाथ में डम डम डमरू बजता, पांव में घुंघरू बाजे।पांव में घुंघरू बाजे,भोले पांव में घुंघरू बाजे। हलाहल धर लिया गले में, नीलकंठ कहलाए। महिमा तेरी जाने ना कोई ,सब तेरे गुण गाए।सब तेरे गुण गाए भोले सब तेरे गुण गाए।महा प्रतापी है अविनाशी, शीश पे चंदा साजे। राम को जिसने राह निहारी, ऐसे हो महाराजे। मेरी अरज सुन प्रभु दर्शन दो, और रहा न जाए। विजय जपे तेरा नाम निरंतर, अजय भी शीश झुकाए।

आशुतोष नीलकंठ शंभू अविनाशी। महादेव गंगाधर जो है कैलाशी। श्री शिवाय नमस्तुभ्यं,श्री शिवाय नमस्तुभ्यं, ॐ।

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