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शिव भजन लिरिक्सshiv bhajan lyrics

Vrindavan me bholenath by madhvas rock band ,वृंदावन में नाचे रे देखो शिव शंभू नाथ,shiv bhajan

वृंदावन में नाचे रे देखो, शिव शंभू नाथ

हर हर शंभू जय महादेव, जयशंकर जय हरी हरा। उतरे कैलाश से भोले शंकर, आए हैं ब्रज में गोपी बनकर।उतरे कैलाश से भोले शंकर, आए हैं ब्रज में गोपी बनकर। गोपेश्वर कहलाए हैं वो, त्याग के तन की भस्म को, आए हैं वो। थामें खड़े हैं शंकर कृष्ण का हाथ। बन के गोपी, नाचे है वन में, शिव भोलेनाथ।बन के गोपी, नाचे है वन में, शिव भोलेनाथ। वृंदावन में नाचे रे देखो, शिव शंभू नाथ।बन के गोपी, नाचे है वन में, शिव भोलेनाथ।

मूर्छित होवे द्वार की साखियां। ना पहचान सके बावरी अखियां।मूर्छित होवे द्वार की साखियां। ना पहचान सके बावरी अखियां। वृंदावन में कृष्ण को देखन, आए हैं कैलाशपति। सारी गोपियों से भी ज्यादा, लगे हैं जो प्यारी अती। लीला यह नीलकंठ की,ना कोई  जाने। एक मोहन के सिवा, ना कोई पहचाने।थामें खड़े हैं शंकर कृष्ण का हाथ। बन के गोपी, नाचे है वन में, शिव भोलेनाथ।बन के गोपी, नाचे है वन में, शिव भोलेनाथ। वृंदावन में नाचे रे देखो, शिव शंभू नाथ।बन के गोपी, नाचे है वन में, शिव भोलेनाथ।

हो लगे आहट पुरुष सी इनकी। दो ना आंखें तीन है इसकी। कौन अनोखी गोपी, रास में है आई। देखन को रास सब के, बात ना बस की। बात यह है की सबसे प्यारी लागे। आज वृंदावन के, भाग है जागे। घूंघट ओढ़ के शंकर खड़े हैं। चेहरा दिखाएंगे ना, बात पर अड़े हैं।थामें खड़े हैं शंकर कृष्ण का हाथ। बन के गोपी, नाचे है वन में, शिव भोलेनाथ।बन के गोपी, नाचे है वन में, शिव भोलेनाथ। वृंदावन में नाचे रे देखो, शिव शंभू नाथ।बन के गोपी, नाचे है वन में, शिव भोलेनाथ।

रास को देखन आए हैं, कैलाश से भोलेनाथ। वृंदावन में नाचे बनके गोपी ,नाचे हैं देखो शिव भोलेनाथ।रास को देखन आए हैं, कैलाश से भोलेनाथ। वृंदावन में नाचे बनके गोपी ,नाचे हैं देखो शिव भोलेनाथ।बन के गोपी, नाचे है वन में, शिव भोलेनाथ।बन के गोपी, नाचे है वन में, शिव भोलेनाथ।

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