जय हो खाटू वाले की, जय हो लीले वाले की, जय हो लखदातारी की, जय हो शीश के दानी की।
रंगों ने फिर अपना जाल बिछाया है ,मेरे श्याम का फागण मेला आया है।रंगों ने फिर अपना जाल बिछाया है ,मेरे श्याम का फागण मेला आया है।मेरे श्याम का फागण मेला आया है। मेरे श्याम का लखी मेला आया है।
हर हाथों में श्याम ध्वजा ,लहराते प्यारे प्यारे। खाटू की गलियों के रंग रंगीली हुए नजारे।हर हाथों में श्याम ध्वजा ,लहराते प्यारे प्यारे। खाटू की गलियों के रंग रंगीली हुए नजारे। मस्ती का एक अलग रंग सा छाया है।मेरे श्याम का फागण मेला आया है। मेरे श्याम का लखी मेला आया है।
सबके दिलों में फागुन के, मेले की एक उमंग है। जिसको देखो उसके ऊपर ,चढ़ा श्याम का रंग है।सबके दिलों में फागुन के, मेले की एक उमंग है। जिसको देखो उसके ऊपर ,चढ़ा श्याम का रंग है। बाबा ने सबको ही दीवाना बनाया है।मेरे श्याम का फागण मेला आया है। मेरे श्याम का लखी मेला आया है।
जय हो खाटू वाले की, जय हो लीले वाले की, जय हो लखदातारी की, जय हो शीश के दानी की।
बज रहे ढोल नगाड़े घूमर, होती कहीं धमाल है। जिधर भी देखो आते नजर, उड़ते रंग गुलाल है।बज रहे ढोल नगाड़े घूमर, होती कहीं धमाल है। जिधर भी देखो आते नजर, उड़ते रंग गुलाल है। रंग भरा मौसम सबको ही भाया है।मेरे श्याम का फागण मेला आया है। मेरे श्याम का लखी मेला आया है।
चारों तरफ से यहां हो रही, रंगों की बौछार है। प्रेमियों के संग होली खेलन ,सांवरिया तैयार है।चारों तरफ से यहां हो रही, रंगों की बौछार है। प्रेमियों के संग होली खेलन ,सांवरिया तैयार है। कुंदन भी रंग की पोटली लाया है।मेरे श्याम का फागण मेला आया है। मेरे श्याम का लखी मेला आया है।
रंगों ने फिर अपना जाल बिछाया है ,मेरे श्याम का फागण मेला आया है।रंगों ने फिर अपना जाल बिछाया है ,मेरे श्याम का फागण मेला आया है।मेरे श्याम का फागण मेला आया है। मेरे श्याम का लखी मेला आया है।