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निर्गुण भजन nirgun Bhajan

Kya leke aaya bande, क्या लेके आया बंदे,nirgun bhajan,

क्या लेके आया बंदे, क्या लेके जाएगा।

क्या लेके आया बंदे, क्या लेके जाएगा। दो दिन की जिंदगी है, दो दिन का मेला।

आया है सो जायेगा, राजा रंक फकीर। कोई सिंहासन चढ़ चले, कोई बंधे जंजीर।☀️☀️क्या लेके आया बंदे, क्या लेके जाएगा।☀️☀️ दो दिन की जिंदगी है, दो दिन का मेला।

इस जगत सराय में,मुसाफिर रहना दो दिन का। क्यों बीरथा करे गुमान, मुरख इस धन और जोबन का।☀️☀️☀️☀️☀️☀️☀️☀️बंद मुट्ठी आया जग में, खाली हाथ जाएगा।दो दिन की जिंदगी है, दो दिन का मेला।

वो कहां गए बलवान,तीन बार धरती तोलनियां। ज्यांरी एडी पड़ती धाक, नही कोई सामी बोलनिया।☀️☀️☀️☀️☀️☀️☀️☀️निर्भय डोलानियां बे तो, गया रे अकेला।दो दिन की जिंदगी है, दो दिन का मेला।

नहीं छोड़ सकया कोई माया,गिनी गिनाई ने।गढ़ किला री नींव छोड़ग्या, चीनी चिनाई ने।चीनी री चिनाई रह गई,गया रे अकेला।☀️☀️दो दिन की जिंदगी है, दो दिन का मेला।

इस काया का है भाग्य,भाग्य बिन पाया नही जाता।कहे शर्मा बिना नसीब फल,खाया नहीं जाता।☀️☀️☀️☀️☀️☀️☀️☀️☀️☀️☀️भवसागर से तरले बंदे,हरी गुण गाय ले।दो दिन की जिंदगी है, दो दिन का मेला।

क्या लेके आया बंदे, क्या लेके जाएगा। दो दिन की जिंदगी है, दो दिन का मेला।

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