बनड़ी री प्यारी सूरत सोहनी। म्हारे नवल बना री मोहनी। सुनी हथेलियां में मेहंदी राचगी। ढोलक शंख नगाड़ा से या चौखट साजगी।बनड़ी री प्यारी सूरत सोहनी।
केसर की क्यारी गुल बनडा लूमा की बाड़ी।केसर की क्यारी गुल बनडा लूमा की बाड़ी। बीच-बीच राखो रायजादा, फूल हजारी हो राज, ऊभा सा रहिजो।ऊभा सा रहिजो म्हारा बनडा ठाडा सा रहीजो।ऊभा सा रहिजो म्हारा बनडा ठाडा सा रहीजो।
रूप रंग की रानी तू है, चरना बहतो पानी तू है। तू ही तू बस तू ही तू, हर शहर गांव और ढानी तू है। इत्र सू मेंहके गोरो-गोरो , मुखडो थारो सोनो सोनो, थारो जैसो रूप और कोई, जग में ना ही दूजो। घूंघट नीचे जब मूलके म्हारी जान काढ ली सारी। केसर की क्यारी गुलबनडी फूला सी प्यारी।केसर की क्यारी गुलबनडी फूला सी प्यारी। सज धज के जब निकलो ,लगे फुलवारी औ राज, कामन गारी।केसर की क्यारी गुलबनडी फूला सी प्यारी।केसर की क्यारी गुलबनडी फूला सी प्यारी।
पावना मोटर में आओ जी, पावना घोड़ी चढ़ आओ।पावना मोटर में आओ जी, पावना घोड़ी चढ़ आओ। छोटी सी बनी ऊवी है जी,थे फेरा जाओ।पावना मोटर में आओ जी, पावना घोड़ी चढ़ आओ।
चुनर ओढो जद सतरंगी लागो म्हाने रंग बिरंगी। माथे सोहे रखड़ी थारे जैसे सोहे मोर कलंगी। पायलडी थारी छन छन बोले, बाता थारी मिश्री घोले। रात रानी खुशबू थारी,महके सारी गांव गोवाडी। हे रानी सिंगर सजे थारी, मूर्ख मनडे भाई।केसर की क्यारी गुलबनडी फूला सी प्यारी।केसर की क्यारी गुलबनडी फूला सी प्यारी।सज धज के जब निकलो ,लगे फुलवारी औ राज, कामन गारी।केसर की क्यारी गुलबनडी फूला सी प्यारी।केसर की क्यारी गुलबनडी फूला सी प्यारी।