बेवजह मुझ पे जो उंगली उठ जाती है।बेवजह मुझ पे जो उंगली उठ जाती है। मुझे तब श्याम तेरी याद बहुत आती है।मुझे तब श्याम तेरी याद बहुत आती है।मुझे तब श्याम तेरी याद बहुत आती है।मुझे तब श्याम तेरी याद बहुत आती है।
है सब इधर हवा का हो झोंका।आज अपनों से मिल रहा धोखा।आज अपनों से मिल रहा धोखा। झूठ बुनियाद की जुबां नहीं शर्माती है।मुझे तब श्याम तेरी याद बहुत आती है।मुझे तब श्याम तेरी याद बहुत आती है।मुझे तब श्याम तेरी याद बहुत आती है।मुझे तब श्याम तेरी याद बहुत आती है।
ऐसे हालातो में जीना मुश्किल। सीसक सीसक के रोये मेरा दिल।सीसक सीसक के रोये मेरा दिल। होकर बेबस यह आंख अश्कों से नहाती है।मुझे तब श्याम तेरी याद बहुत आती है।मुझे तब श्याम तेरी याद बहुत आती है।मुझे तब श्याम तेरी याद बहुत आती है।मुझे तब श्याम तेरी याद बहुत आती है।
अपनी बातों पर नहीं उतरे खरे। ऐसे रिश्तों से मन यह मेरा डरे।ऐसे रिश्तों से मन यह मेरा डरे। ठोकरें वैभव यह सही सबक सिखाती हैं।मुझे तब श्याम तेरी याद बहुत आती है।मुझे तब श्याम तेरी याद बहुत आती है।मुझे तब श्याम तेरी याद बहुत आती है।मुझे तब श्याम तेरी याद बहुत आती है।
बेवजह मुझ पे जो उंगली उठ जाती है।बेवजह मुझ पे जो उंगली उठ जाती है। मुझे तब श्याम तेरी याद बहुत आती है।मुझे तब श्याम तेरी याद बहुत आती है।मुझे तब श्याम तेरी याद बहुत आती है।मुझे तब श्याम तेरी याद बहुत आती है।