राम रिझाया थारी आत्मा रिझेली। आ दुनिया रीझेली मिठो बोलयांसू।आ दुनिया रीझेली मिठो बोलयांसू।भरम गाँठ खुल ज्याय पर घर डोल्या से।
आदर भाव गुणा से मोटा, नहीं करया कर देखो जी।दुश्मन झुक्ज्या उनके आगे, तुरंत फुरत लेवे लेखो जी।आदर भाव गुणा से मोटा, नहीं करया कर देखो जी।दुश्मन झुक्ज्या उनके आगे, तुरंत फुरत लेवे लेखो जी।विष अमृत हो ज्याय मिठो बोल्या से,भरम गाँठ खुल ज्याय पर घर डोल्या से।
खेत की खातिर बाड लगाई बाड खेत ने खावे जी।पर हाथा कोई चीज मंगाई, बा पूरी कद आवे जी।खेत की खातिर बाड लगाई बाड खेत ने खावे जी।पर हाथा कोई चीज मंगाई, बा पूरी कद आवे जी।मनका विश्वास जाय पाछे तोल्या से,भरम गाँठ खुल ज्याय पर घर डोल्या से।
मित्र करो तो राखो मित्रता, मित्र फल ना चाखो जी।जे मित्र में अवगुण हो तो, परदे भीतर राखो जी।मित्र करो तो राखो मित्रता, मित्र फल ना चाखो जी।जे मित्र में अवगुण हो तो, परदे भीतर राखो जी।दुनिया हँसेगी परदों खोल्या से,
भरम गाँठ खुल ज्याय पर घर डोल्या से।
भरम भरम में सब कोई भरम्या, भरम भेद न पायो जी।मिनख जमारो बन्दा एलो मत खोवे जी।भरम भरम में सब कोई भरम्या, भरम भेद न पायो जी।मिनख जमारो बन्दा एलो मत खोवे जी। श्याम बड़ो जस गायो जी,
कर तेरो कल्याण सांचो बोल्या से,
भरम गाँठ खुल ज्याय पर घर डोल्या से।
राम रिझाया थारी आत्मा रिझेली। आ दुनिया रीझेली मिठो बोलयांसू।आ दुनिया रीझेली मिठो बोलयांसू।भरम गाँठ खुल ज्याय पर घर डोल्या से।