हिंदू तन-मन हिंदू जीवन, रग-रग हिंदू, मेरा परिचय, हिंदू तन-मन, हिंदू जीवन, रग-रग हिंदू, मेरा परिचय। मैं शंकर का वो क्रोधानल, कर सकता जगती क्षार-क्षार। डमरू की वो प्रलय ध्वनि हूँ,, जिसमें नचता भीषण संघार। हिंदू तन-मन, हिंदू जीवन ,रग-रग हिंदू ,मेरा परिचय। हिंदू तन-मन, हिंदू जीवन, रग-रग हिंदू, मेरा परिचय। हिंदू ,हिंदू,, हिंदू, मेरा परिचय।
हो हो होहो होहो हो.. हो हो रणचण्डी की अतृप्त प्यास, मैं दुर्गा का उन्मत हास। मैं यम की प्रलयंकार पुकार, मैं यम की प्रलयंकर पुकार, जलते मरघट का धुआंधार ।जलते मरघट का धुआंधार। मैं यम की प्रलयंकर पुकार, जलते मरघट का धुआंधार। फिर अन्तरिम की ज्वाला से जगती में आग लगा हूँ मैं। यदि धड़क उठे जल, थल, अंबर जड़ चेतना तो कैसा विस्मय।
हिंदू तन-मन, हिंदू जीवन ,रग-रग हिंदू ,मेरा परिचय। हिंदू तन-मन, हिंदू जीवन, रग-रग हिंदू, मेरा परिचय ।हिंदू हिंदू हिंदू मेरा परिचय। हिंदू हिंदू हिंदू मेरा परिचय।