ऊंचे शिखरों वाला, सबसे निराला,
सांवरिया पारसनाथ शिखर पर भला विराज्या जी ।भला विराज्या जी ओ बाबा थे तो भला विराज्या जी ।सांवरिया पारसनाथ शिखर पर भला विराज्या जी ।
वैभव काशी का ठुकराया,राज पाट तोहे बाँध ना पाया ।तू सम्मेद शिखर पे मुक्ति पाने आया -२ ।
वो पर्वत तेरे मन भाया जहाँ भीलों का वासा जी।सांवरिया पारसनाथ शिखर पर भला विराज्या जी ।सांवरिया पारसनाथ शिखर पर भला विराज्या जी ।
टोंक टोंक पर ध्वजा विराजे,झालर बाजे घंटा बाजे ।चरण कमल जिनवर के कूट-कूट पर साजे।दूर-दूर से यात्री आए आनंद मंगल खासा जी।सांवरिया पारसनाथ शिखर पर भला विराज्या जी ।सांवरिया पारसनाथ शिखर पर भला विराज्या जी ।
झर-झर बहता शीतल नाला,शांत करे भव-भव की ज्वाला।गीत नही जग में इतने जिनवर वाला।वंदन करके पूरण होती भक्त जनों की आसा जी।सांवरिया पारसनाथ शिखर पर भला विराज्या जी ।सांवरिया पारसनाथ शिखर पर भला विराज्या जी ।
हमको अपनी भक्ति का वर दो,समताभाव से अन्तर भर दो ।हे पारसमणि भगवन हमको कंचन कर दो ।दो आशीष मिट जाए हमारा जनम मरण का रासा जी।सांवरिया पारसनाथ शिखर पर भला विराज्या जी ।सांवरिया पारसनाथ शिखर पर भला विराज्या जी ।
ऊंचे शिखरों वाला, सबसे निराला,
सांवरिया पारसनाथ शिखर पर भला विराज्या जी ।भला विराज्या जी ओ बाबा थे तो भला विराज्या जी ।सांवरिया पारसनाथ शिखर पर भला विराज्या जी ।