कैसा चक्कर चलाया रे,श्याम तेरी उंगली ने।२।
जब द्रोपदी दुष्टों ने घेरी,२। कैसा चीर बढ़ाया रे श्याम तेरी उंगली ने।🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹कैसा चक्कर चलाया रे,श्याम तेरी उंगली ने।२।
जहर का प्याला, राणा जी ने भेजा।२। कैसा अमृत बनाया रे श्याम तेरी उंगली ने।🌹🌹कैसा चक्कर चलाया रे,श्याम तेरी उंगली ने।२।
जब प्रहलाद को , कहाड़ में गेरा।२।कैसा कमल खिलाया रे, श्याम तेरी उंगली ने।🌹🌹 कैसा चक्कर चलाया रे,श्याम तेरी उंगली ने।२।
जब नरसी ने तुमको हेरा,२। कैसा भात भराया रे श्याम तेरी उंगली ने। 🌹🌹🌹🌹🌹🌹कैसा चक्कर चलाया रे,श्याम तेरी उंगली ने।२।
जब अर्जुन ने जेवरत को मारा,२। कैसा सूरज छिपाया रे श्याम तेरी उंगली ने।🌹🌹🌹🌹कैसा चक्कर चलाया रे,श्याम तेरी उंगली ने।२।
जब भक्तों ने तुमको पुकारा,२। कैसा कष्ट मिटाया रे श्याम तेरी उंगली ने।🌹🌹🌹🌹कैसा चक्कर चलाया रे,श्याम तेरी उंगली ने।२।
जब जब तुमको जिसने पुकारा,२। तूं बढ़ाता आया रे श्याम तेरी उंगली ने।🌹🌹🌹🌹कैसा चक्कर चलाया रे,श्याम तेरी उंगली ने।२।