मेहंदीपुर वाले मेरे साथ सदा। सर पे हनुमत का है हाथ सदा। जो बजरंगी से कह दूं मैं पूरी होती अरदास सदा। मुझे छू न सका दुख दूर दूर ही ठहरा है। मेरे घर के द्वार पर बजरंगी का पहरा है।मुझे छू न सका दुख दूर दूर ही ठहरा है। मेरे घर के द्वार पर बजरंगी का पहरा है।मेहंदीपुर वाले मेरे साथ सदा। सर पे हनुमत का है हाथ सदा।
सुख के झूलों में झूलू में, हनुमत की कृपा न भूलूं में।सुख के झूलों में झूलू में, हनुमत की कृपा न भूलूं में। बल मिलता मन से लड़ने का, हनुमत के चरण जब छू लूं मैं। हम दोनों हैं राम के भक्त रिश्ता यह गहरा है।मेरे घर के द्वार पर बजरंगी का पहरा है।मेरे घर के द्वार पर बजरंगी का पहरा है।मेहंदीपुर वाले मेरे साथ सदा। सर पे हनुमत का है हाथ सदा।
मेरे घर से बलाए दूर रहे, सब गर्म हवाएं दूर रहे।मेरे घर से बलाए दूर रहे, सब गर्म हवाएं दूर रहे। जंतर मंतर जादू टोना कभी पास ना आए दूर रहे। बजरंग की छवि में महाकाल का चेहरा है।मेरे घर के द्वार पर बजरंगी का पहरा है।मेरे घर के द्वार पर बजरंगी का पहरा है।मेहंदीपुर वाले मेरे साथ सदा। सर पे हनुमत का है हाथ सदा।
बालाजी चले मेरे साथ सदा, मेरे हाथ में इनका हाथ सदा।बालाजी चले मेरे साथ सदा, मेरे हाथ में इनका हाथ सदा। मेहंदीपुर वाले बालाजी मेरे मन की सुनते बात सदा। सब कहते हैं लक्खा तेरा भाग सुनहरा है।मेरे घर के द्वार पर बजरंगी का पहरा है।मेरे घर के द्वार पर बजरंगी का पहरा है।मेहंदीपुर वाले मेरे साथ सदा। सर पे हनुमत का है हाथ सदा।
मेहंदीपुर वाले मेरे साथ सदा। सर पे हनुमत का है हाथ सदा। जो बजरंगी से कह दूं मैं पूरी होती अरदास सदा। मुझे छू न सका दुख दूर दूर ही ठहरा है। मेरे घर के द्वार पर बजरंगी का पहरा है।मुझे छू न सका दुख दूर दूर ही ठहरा है। मेरे घर के द्वार पर बजरंगी का पहरा है।मेहंदीपुर वाले मेरे साथ सदा। सर पे हनुमत का है हाथ सदा।