दोहा,
ए श्याम धनी बिगड़ी बनाने दर पर आई हूं। नहीं तुझसे कोई दूजा मनाने तुझको आई हूं। मनाऊंगी रिजाऊंगी तुझे ओ श्याम प्यारे में। सहारे हारे के हो तुम अब तेरे सहारे में।
मेरे श्याम मुझे अपने चरणों में शरण दे दो। रहे ध्यान सदा तेरा मुझे ऐसी लगन दे दो।मेरे श्याम मुझे अपने चरणों में शरण दे दो।मेरे श्याम मुझे अपने चरणों में शरण दे दो।
अनजानी सी बालक हूं कोई राह नहीं जानू। अपनी मंजिल बाबा तेरे दर तक ही मानूं।अनजानी सी बालक हूं कोई राह नहीं जानू। अपनी मंजिल बाबा तेरे दर तक ही मानूं। बस जाओ मेरे मन में यही दान मुझे दे दो।रहे ध्यान सदा तेरा मुझे ऐसी लगन दे दो।मेरे श्याम मुझे अपने चरणों में शरण दे दो।मेरे श्याम मुझे अपने चरणों में शरण दे दो।
तेरी सेवा ही में बाबा मेरा जीने का सहारा हो। मेरी नैया का बाबा तेरा दर ही किनारा हो।तेरी सेवा ही में बाबा मेरा जीने का सहारा हो। मेरी नैया का बाबा तेरा दर ही किनारा हो। बन जाए दवा मेरी जो आप दुआ दे दो।रहे ध्यान सदा तेरा मुझे ऐसी लगन दे दो।मेरे श्याम मुझे अपने चरणों में शरण दे दो।मेरे श्याम मुझे अपने चरणों में शरण दे दो।
जपो श्याम नाम रही इस नाम में शक्ति है। सिमरन जो करे दिल से मिलती उसे मुक्ति है।जपो श्याम नाम रही इस नाम में शक्ति है। सिमरन जो करे दिल से मिलती उसे मुक्ति है। रितिका पर करुणा की दातार नजर कर दो।रहे ध्यान सदा तेरा मुझे ऐसी लगन दे दो।मेरे श्याम मुझे अपने चरणों में शरण दे दो।मेरे श्याम मुझे अपने चरणों में शरण दे दो।
मेरे श्याम मुझे अपने चरणों में शरण दे दो। रहे ध्यान सदा तेरा मुझे ऐसी लगन दे दो।मेरे श्याम मुझे अपने चरणों में शरण दे दो।मेरे श्याम मुझे अपने चरणों में शरण दे दो।