तेरे ख्यालो में खोया रहूं में,जांगू दिन और रात आओ आजाओ भोलेनाथ।
हे शिव शंकर हे कलयंकर हे जग के रखवाले। तेरे बिना मेरी कोन सुनेगा, दर्दे दिल की बात ।तेरे ख्यालो में खोया रहूं में,जांगू दिन और रात आओ आजाओ भोलेनाथ।
मन पंछी रे चैन दरस बिना, अब तो दरस दिखाओ। अंखिया ऐसे बरस रही है, सावन की बरसात ।तेरे ख्यालो में खोया रहूं में,जांगू दिन और रात आओ आजाओ भोलेनाथ।
विष पीवे खुद अमृत बांटे, तुम सा नही कोई दानी। “रामा” दया की भिक्षा मांगे, रखियो सिर पर हाथ।तेरे ख्यालो में खोया रहूं में,जांगू दिन और रात आओ आजाओ भोलेनाथ।