Categories
श्याम भजन लिरिक्स

Jholi bhar de re khatu ka baba shyam bhikharan tere dwar khadi,झोली भरदे रे खाटू का बाबा श्याम भिखारन तेर द्वार खड़ी,shyam bhajan

झोली भरदे रे खाटू का बाबा श्याम भिखारन तेर द्वार खड़ी

झोली भरदे रे खाटू का बाबा श्याम भिखारन तेर द्वार खड़ी।झोली भरदे रे खाटू का बाबा श्याम भिखारन तेर द्वार खड़ी।





तेरे जेसो ओर नही है जगत बीच म दानी। म्हारे मन पर के बीत र थे जाणो अंतरयामी। घर से चाली रे म धर चरणा को ध्यान भिखारन तेर द्वार खड़ी। झोली भरदे रे खाटू का बाबा श्याम भिखारन तेर द्वार खड़ी





सास ननद म्हारी दोर- जिठानी बांझ कहे बतलावे। लागे तीर कलेजै माहीं बोल सया नही जावै ।ताना मारे रे जीवण न दे झ्यान भिखारन तेर द्वार खड़ी। झोली भरदे रे खाटू का बाबा श्याम भिखारन तेर द्वार खड़ी ।



खड़ी द्वार पर अर्ज करे रे थारे चरणा की दासी । थारे घर म कमी नही है सुणले खाटू वासी ।
बाबा दे दे रे दुखिया न सन्तान,भिखारन तेर द्वार खड़ी।झोली भरदे रे खाटू का बाबा श्याम भिखारन तेर द्वार खड़ी।

खड़ा द्वार पर अज कर र थार चरणा का दासी । थारे घर म कमी नही है सुणले खाटू वासी । बाबा दे दे रे दुखिया न सन्तान,भिखारन तेर द्वार खड़ी।झोली भरदे रे खाटू का बाबा श्याम
भिखारन तेर द्वार खड़ी।





“मोहन” मनस्या भरे भगत की श्याम धणी दातार । सच्चे दिल से जो कोई ध्यावे हो ज्या बेड़ा पार। भगत नै देदे रे मन चायो वरदान,भिखारन तेर द्वार खड़ी।झोली भरदे रे खाटू का बाबा श्याभिखारन तेर द्वार खड़ी

Leave a comment