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शिव भजन लिरिक्सshiv bhajan lyrics

aayi gora ki kaisi  barati,आई गौरा की कैसी बराती,shiv bhajan

आई गौरा की कैसी बराती,दूल्हा ब्याहने के काबिल नही है।

आई गौरा की कैसी बराती,दूल्हा ब्याहने के काबिल नही है।कोई कहता है ये डमरू वाला,डमरू बजाने के काबिल नहीं है।आई गौरा की कैसी बराती,

कोन था ऐसा वर लानेवाला,जो है झूमता नशे में मतवाला।कोन था ऐसा वर लानेवाला,जो है झूमता नशे में मतवाला।इनके अंग में देखो मुंड माला,गले विषधर लपेटा है काला।देखो लगता है ये बसहा वाला, बसहा चढ़ने के काबिल नही है।आई गौरा की कैसी बराती,दूल्हा ब्याहने के काबिल नही है।

संग में भूत प्रेत नाचे नचनिया। ताल बेताल बाजे पैजनिया।संग में भूत प्रेत नाचे नचनिया। ताल बेताल बाजे पैजनिया। सखियां थाली सजाकर खड़ी है। दूल्हा परचम के काबिल नहीं है।देखो लगता है ये बसहा वाला, बसहा चढ़ने के काबिल नही है।आई गौरा की कैसी बराती,दूल्हा ब्याहने के काबिल नही है।आई गौरा की कैसी बराती,

कोई कहता है औघड़ दानी कोई कहे जगत का स्वामी।कोई कहता है औघड़ दानी कोई कहे जगत का स्वामी। कोई बोले इस वर को लौटा दो अपनी गोरा के काबिल नहीं है।आई गौरा की कैसी बराती,दूल्हा ब्याहने के काबिल नही है।आई गौरा की कैसी बराती,दूल्हा ब्याहने के काबिल नही है।

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