तर्ज : म्हारे सिर पर है बाबाजी से हाथ)
भक्तों, हमने देखे है चमत्कार, मेरे श्यामधणी के द्वार, ऐसी है न्यारी खाटू नगरी, ऐसी है न्यारी खाटूनगरी, है खाटू म्हारी जादूनगरी ॥ टेर ॥
बिन डोरी की पतंग उड़े यहाँ, बिन पंखों के चिड़िया, जल बिन मछली तैर रही, ज्यूँ रेत पे दौड़े नौका, सबकी बिन बोले सुनता सरकार, मेरा श्यामधणी दातार, ऐसी है न्यारी खाटूनगरी, ऐसी है न्यारी खाटूनगरी, है खाटू म्हारी जादूनगरी ॥ 1 ॥
बिना यहाँ बजती, गूंगे भजन सुनाते, लंगड़े भी यहाँ झटपट दौड़े, अंधे दर्शन पाते, मुर्दे जिंदा हो जाते इनके द्वार, ये है सच्ची सरकार, ऐसी है न्यारी खाटूनगरी, ऐसी है न्यारी खाटूनगरी, है खाटू म्हारी जादूनगरी ॥ 2 ॥
बिन बदरा के मेघ बरसते, नीम पे मिश्री लगती, पतझड़ में भी बगिया खिलती, सोई किस्मत जगती, आकर देखो ‘किशन’ एक बार, मेरा बाबा लखदातार, ऐसी है न्यारी खाटूनगरी, ऐसी है न्यारी खाटूनगरी, है खाटू म्हारी जादूनगरी
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