Categories
विविध भजन

Chach pakh bin kaya dekhi Hans najar koni aayo,चाच पॉख बीन काया देखी हँस नजर कोनी आयो ले सादो भाई

चाच पॉख बीन काया देखी
हँस नजर कोनी आयो ले सादो भाई।

चाच पॉख बीन काया देखी
हँस नजर कोनी आयो ले सादो भाई।



बीन पेड़ एक दरखत देखा पता नजर नही आया,
मेरा सतगुरू ऐसा बरंगी छाया बैठ फल खाया।चाच पॉख बीन काया देखी
हँस नजर कोनी आयो ले सादो भाई।



बीन पाल एक सरवर देखा नीर नजर नही आया,
मेरा सतगुरू ऐसा बरंगी माय बैठ मल नहाया॥चाच पॉख बीन काया देखी
हँस नजर कोनी आयो ले सादो भाई।



बीना नीम एक मन्दिर देखा छजा नजर नही आया,
बी मन्दिर मै जोगी तापे, बीरला दरसन पाया॥चाच पॉख बीन काया देखी
हँस नजर कोनी आयो ले सादो भाई।



बी जोगी कै पॉंच पुत्र है पचीसों जोगन लाया,
कहे कबीर सुनो भाई साधो बेटी बाप न जाया ॥चाच पॉख बीन काया देखी
हँस नजर कोनी आयो ले सादो भाई।

Leave a comment