क्या भरोसा ह इस जिंदगी का ,
साथ देती नही है ये किसी का।क्या भरोसा ह इस जिंदगी का ,
साथ देती नही है ये किसी का।
साँस रुक जाएगी चलते चलते
शमा बुझ जायेगी जलते जलते
दम निकल जायेगा रौशनी का
साथ देती नही ये किसी का
क्या भरोसा ह इस जिंदगी का ,
साथ देती नही है ये किसी का।
दिन गुजर जा यु भटकते रात ढल जायेगी ढलते ढलते।फर्ज पूरा करो बन्दगी का साथ देती नही है किसी का।क्या भरोसा ह इस जिंदगी का ,
साथ देती नही है ये किसी का।
हम रहे ना रहे मोहोबत रहेगी
दास्तां अपनी दुनिया कहेगी
नाम रह जायेगा आदमी का
साथ देती नही ये किसी का। क्या भरोसा ह इस जिंदगी का ,
साथ देती नही है ये किसी का।