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Chal sakhi satsang me chala satsang me satguru aasi,चाल सखी सत्संग में चाला सत्संग म सतगुरु आसी

चाल सखी सत्संग में चाला सत्संग म सतगुरु आसी

चाल सखी सत्संग में चाला सत्संग म सतगुरु आसी।
गुरुवां आगे होव्व रे दीवानी नहीं जुगड़े में बह ज्यासी।



ब्रह्मा आसी विष्णु आसी शंकर आसी कैलासी
गणपति आसी रिद्धि सिद्धि ल्यासी
संग म गौरजा माँ आसी।चाल सखी सत्संग में चाला सत्संग म सतगुरु आसी।
गुरुवां आगे होव्व रे दीवानी नहीं जुगड़े में बह ज्यासी।



राम भी आसी लक्षमण आसी माधो वन को बनवासी।
हनुमान सा पायक आसी संग म सीता माँ आसी।चाल सखी सत्संग में चाला सत्संग म सतगुरु आसी।
गुरुवां आगे होव्व रे दीवानी नहीं जुगड़े में बह ज्यासी।



पलक पलक मेरा बरस बराबर घड़ी घड़ी म जुग ज्यासी।
एक घडी हरी संगत करले कट ज्यावे तेरी चोरासी।चाल सखी सत्संग में चाला सत्संग म सतगुरु आसी।
गुरुवां आगे होव्व रे दीवानी नहीं जुगड़े में बह ज्यासी।



गुरूजी की सेवा मालिक जी की सेवा बणत बणत भाई बण ज्यासी।
मिठ्ठू दास सांगलपति बोल्या कर सेवा नर तिर ज्यासी।चाल सखी सत्संग में चाला सत्संग म सतगुरु आसी।
गुरुवां आगे होव्व रे दीवानी नहीं जुगड़े में बह ज्यासी।

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