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विविध भजन

Aaj sakhi ye piyo sanmukh payo,आज सखी ऐ पियो सनमुख पायौ

आज सखी ऐ पियो सनमुख पायौ।।

आज सखी ऐ पियो सनमुख पायौ।।
पिया ने देख्यो जद अचरज आयौ।।
आज सखी ऐ पियो सनमुख पायौ।।



पियो है मुझमे मैं पिया मांहि, जैसे जल में तंरग समायो।आज सखी ऐ पियो सनमुख पायौ।।
पिया ने देख्यो जद अचरज आयौ।।
आज सखी ऐ पियो सनमुख पायौ।।



विमल अनुप सखी पियो है हमारो, अजर अमर जननी नही जायौ।आज सखी ऐ पियो सनमुख पायौ।।
पिया ने देख्यो जद अचरज आयौ।।
आज सखी ऐ पियो सनमुख पायौ।।



मेरो तो पियो रहे पलंका के माईं, मूर्ख तो बिना दूर बतायौ।आज सखी ऐ पियो सनमुख पायौ।।
पिया ने देख्यो जद अचरज आयौ।।
आज सखी ऐ पियो सनमुख पायौ।।



संत हरिशाह सखी पियो है हमारो, दास गरीब गुरू जस गायौ।आज सखी ऐ पियो सनमुख पायौ।।
पिया ने देख्यो जद अचरज आयौ।।
आज सखी ऐ पियो सनमुख पायौ।।

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