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विविध भजन

Ant budhapo aaya sarsi sada jawani rah nahi,अंत बुढ़ापो आया सरसी सदा जवानी रह नाही

अंत बुढ़ापो आया सरसी सदा जवानी रह नाही


अंत बुढ़ापो आया सरसी सदा जवानी रह नाही
हाड हाड में बादी रमज्या हाल्यो चाल्यो जा नाही।अंत बुढ़ापो आया सरसी सदा जवानी रह नाही
हाड हाड में बादी रमज्या हाल्यो चाल्यो जा नाही।



कुटम्ब कबीला न खारो लागे बहू बेटा बोल नाही,
जद बोल तो ऐसा बोले तने मौत आवे नाही।अंत बुढ़ापो आया सरसी सदा जवानी रह नाही
हाड हाड में बादी रमज्या हाल्यो चाल्यो जा नाही।



कोडी कोडी माया जोड़ी जोड़ धरी है जमीं माहि,
दिया लिया तेरे संग चलेगा रह ज्यावेगी यहाँ की यहाँ ही।अंत बुढ़ापो आया सरसी सदा जवानी रह नाही
हाड हाड में बादी रमज्या हाल्यो चाल्यो जा नाही।



धर्मराय जी पूछण लाग्या साँची बात कहो भाई
मृत्युलोक म जाकर बंदा सुपरथ काम करयो काई।अंत बुढ़ापो आया सरसी सदा जवानी रह नाही
हाड हाड में बादी रमज्या हाल्यो चाल्यो जा नाही।



लाल खम्भा के बान्थ घलावे आंच सही जावे नाही
कहत कबीर सुणो भाई साधो करसी सो पासी यहाँ ही।अंत बुढ़ापो आया सरसी सदा जवानी रह नाही
हाड हाड में बादी रमज्या हाल्यो चाल्यो जा नाही।

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