Categories
विविध भजन

Mat soch samajh kal kya hoga,मत सोच समझ कल क्या होगा

मत सोच समझ कल क्या होगा

मत सोच समझ कल क्या होगा।होगा ज़ो वही होना होगा।मत सोच समझ कल क्या होगा।होगा ज़ो वही होना होगा।

पल में प्रलय हो जाएगी।वह ठाट पड़ा रह जाएंगे।ये रूप जवानी आएगी, और राख पड़ी रह जाएगीमत सोच समझ कल क्या होगा।होगा ज़ो वही होना होगा।

चमक-दमक को देख अरे, हंसता क्यों है रोना होगा। तुम मुट्ठी बांध आया है और हाथ पसारे जायेगा।मत सोच समझ कल क्या होगा।होगा ज़ो वही होना होगा।

यह चार दिनों की चांदनी है, फिर तो अंधेरा होना है। जब मालूम है कि जाना है, फिर क्यों मतवाला होता है। मत सोच समझ कल क्या होगा।होगा ज़ो वही होना होगा।

सब समय यूं क्यों गंवाता है। तू तू मैं मैं मैं अपनी। कुछ ईश्वर चिंतन कर लेना, नहीं पछताना तो शेष ही है।मत सोच समझ कल क्या होगा।होगा ज़ो वही होना होगा।

जलती बत्ती बुझ जाएगी। और ख्वाब सभी डह जाएंगे। इन महलों में क्या रखा है, यह तो 1 दिन गिर जाएंगे।मत सोच समझ कल क्या होगा।होगा ज़ो वही होना होगा।

यह जगह तो एक सराय ही है, फिर क्यों तू इसमें रमता है। यह कार पड़ी रह जाएगी, यह चलती चक्की रुक जाएगी।मत सोच समझ कल क्या होगा।होगा ज़ो वही होना होगा।

जो मजा है हरि को भजने में, वह कहीं नहीं मिल पाएगा। सब कुछ करके तूने देखा, पर पार ना लगी तेरी नैया। अब यह भी कर के देख जरा,पाना ही पाना है इसमे।मत सोच समझ कल क्या होगा।होगा ज़ो वही होना होगा।

Leave a Reply

Please log in using one of these methods to post your comment:

WordPress.com Logo

You are commenting using your WordPress.com account. Log Out /  Change )

Facebook photo

You are commenting using your Facebook account. Log Out /  Change )

Connecting to %s