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Babul ki bahut hi pyari thi sasural ne kadar meri Jani na,बाबुल की बहुत ही प्यारी थी ससुराल ने कदर मेरी जानी ना

बाबुल की बहुत ही प्यारी थी,ससुराल ने कदर मेरी जानी ना।बाबुल की बहुत ही प्यारी थी,ससुराल ने कदर मेरी जानी ना।

बाबुल की बहुत ही प्यारी थी,ससुराल ने कदर मेरी जानी ना।बाबुल की बहुत ही प्यारी थी,ससुराल ने कदर मेरी जानी ना।

मैंने ससुर से घूघटा उठाया ना। सासु को सोती जगाया ना। मैं मम्मी मम्मी करती रही, पर बेटी मुझसे बोली ना।बाबुल की बहुत ही प्यारी थी,ससुराल ने कदर मेरी जानी ना।

मैं जेठ के आगे आई ना। जिठनी से कड़वा बोली ना। मैं दीदी दीदी करती रही,कभी मुख से बहना बोली ना।बाबुल की बहुत ही प्यारी थी,ससुराल ने कदर मेरी जानी ना।

कभी देवर को भूखा भेजा ना। कभी नंदी से झगड़ा किया ना। मैं बहना बहना करती रही, कभी मुख से भाभी बोली ना। बाबुल की बहुत ही प्यारी थी,ससुराल ने कदर मेरी जानी ना।

कभी पिया की बात टाली नही।कभी दिल की बात बताई ना।में रातों पांव दबाती रही, कहीं मुझसे लाड लडाया ना। बाबुल की बहुत ही प्यारी थी,ससुराल ने कदर मेरी जानी ना।

बाबुल की बहुत ही प्यारी थी,ससुराल ने कदर मेरी जानी ना।बाबुल की बहुत ही प्यारी थी,ससुराल ने कदर मेरी जानी ना।

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