तर्ज,आने से उसके आए बहार
रो-रो के तुमसे करूं पुकार, जल्दी से आओ पवन कुमार, तुमको ही लानी है बूटी संजीवनी।
हाए लखन मेरे भैया प्राण तेरे में कैसे बचाऊं। जल्दी से आओ पवनसुत अपने रामजी की धीर बंधाओ।वह बजरंगी बलकारी, जान बचानी है मेरे भाई की।तुमको ही लानी है बूटी संजीवनी।रो-रो के तुमसे करूं पुकार, जल्दी से आओ पवन कुमार, तुमको ही लानी है बूटी संजीवनी।
सनसना के जाना देर तुम कहीं ना लगाना। सूरज निकलने से पहले मेरे भैया के प्राण बचाना। हो बजरंगी बलकारी जान बचाती है बूटी संजीवनी। तुमको ही लानी है बूटी संजीवनी।रो-रो के तुमसे करूं पुकार, जल्दी से आओ पवन कुमार, तुमको ही लानी है बूटी संजीवनी।
मुझको तो वैद बताए बूटी द्रोणागिरी पर मिलेगी। उसकी पहचान सुनले बूटी दीपक के जैसी जलेगी। बजरंगी बलकारी रात की रानी है बूटी संजीवनी। तुमको ही लानी है बूटी संजीवनी।रो-रो के तुमसे करूं पुकार, जल्दी से आओ पवन कुमार, तुमको ही लानी है बूटी संजीवनी।
कैसे अवध को जाऊं पूछेगी मैया कौशल्या। कैसे बताऊं पवनसुत छोड़ आया मैं लक्ष्मण सा भैया। बजरंगी बलकारी घोट पिलानी है बूटी संजीवनी। तुमको ही लानी है बूटी संजीवनी।रो-रो के तुमसे करूं पुकार, जल्दी से आओ पवन कुमार, तुमको ही लानी है बूटी संजीवनी।