गजानन थे छत्तर धारी। गजानन थे छतर धारी। लड्डूवन लागे भोग करो मुंसे की असवारी।गजानन थे छत्तर धारी।गजानन थे छत्तर धारी।
रणत भवन स्थान आप का मंदिर है आली। गजानन मंदिर है आली। दूर दूर से आवे यात्री ले पुष्पन थाली। निरखता सारा नर नारी।निरखता सारा नर नारी।लड्डूवन लागे भोग करो मुंसे की असवारी।गजानन थे छत्तर धारी।गजानन थे छत्तर धारी।
शीश मुकुट कानों में कुंडल शोभा है न्यारी। गजानन शोभा है न्यारी। कांधे बीज जनेऊ सोहे गल माला प्यारी। हाथ में थे परसा धारी। हाथ में थे परसा धारी।लड्डूवन लागे भोग करो मुंसे की असवारी।गजानन थे छत्तर धारी।गजानन थे छत्तर धारी।
संग आपके रिद्धि सिद्धि शंकर अवतारी। गजानन शंकर अवतारी। कहां तक महिमा वर्णों आपकी भक्तन हितकारी। हरो थे विपदा ने सारी।हरो थे विपदा ने सारी।लड्डूवन लागे भोग करो मुंसे की असवारी।गजानन थे छत्तर धारी।गजानन थे छत्तर धारी।
कृष्ण चंद्र को रचो स्वयंबर न्यूतो नहीं दिनहो।गजानन न्यूतो नहीं दिनहो।धरती खोखली करी गजानन यो कौतुक किनो।देख घबराया बनवारी।देख घबराया बनवारी।लड्डूवन लागे भोग करो मुंसे की असवारी।गजानन थे छत्तर धारी।गजानन थे छत्तर धारी।
पहिया घुसता देख देवता सारा घबराया। गजानन सारा घबराया। किन्ही भारी भूल गजानन क्यों नहीं बुलवाया। यो सूरज शरण में है थारी।यो सूरज शरण में है थारी।लड्डूवन लागे भोग करो मुंसे की असवारी।गजानन थे छत्तर धारी।गजानन थे छत्तर धारी।