बरसाना ऐसा बसा ले किशोरी। फिर कभी लौट के घर नहीं आऊं।व्रज के माही काबहूं ना आऊं। करो चरणन की चेरी।बरसाना ऐसा बसा ले किशोरी।बरसाना ऐसा बसा ले किशोरी।
मोह निशा में बहुत दिन बीते।मोह निशा में बहुत दिन बीते।मोह निशा में बहुत दिन बीते।मोह निशा में बहुत दिन बीते।लौट ना आऊं में रीते रीते। नाय करो अब देरी।बरसाना ऐसा बुला ले किशोरी।बरसाना ऐसा बुला ले किशोरी।
आशु नहीं है मेरी प्यास है ये।आशु नहीं है मेरी प्यास है ये।आशु नहीं है मेरी प्यास है ये। तेरे आने का ही तो एहसास है यह।सेवा में ले लो हरी दासी पुरानी।किसको सुनाऊं है महारानी। नाम की माला निरंतर चला दो। मेरे हृदय निकुंजन में कुंज बना दो।राधा राधा राधा राधा राधा राधा राधा राधा। श्री राधा श्री राधा श्री राधा राधा राधा राधा राधा।श्री राधा श्री राधा श्री राधा राधा राधा राधा राधा।
भाव जगत में मोकु ले जाओ।सकल कुंज में मोकु ले जाओ। सांचा प्रेम हीये प्रगटाओ ।यह अभिलाषा मोरी।व्रज के माही काबहूं ना आऊं। करो चरणन की चेरी।बरसाना ऐसा बसा ले किशोरी।बरसाना ऐसा बसा ले किशोरी।
जग वालो को धीर दे दे कर, थक गई मैं तो जन्म ले लेकर। तारों अबकी बेरी।बरसाना ऐसा बुला ले किशोरी। बरसाने की ऊंची अटारी तिहारी। साची कहूं मोहे प्राण से प्यारी।नजर तिहारी में सांझ हो मेरी।नजर में हर भोर।श्यामा जु कीजे कृपा की कोर।बरसाना ऐसा बसा ले किशोरी।बरसाना ऐसा बसा ले किशोरी।