सोनी गढ़ को खड़को
सोनी गढ़ को खड़को म्हे सुन्यो सोना घड़े रे सुनार।म्हारी गार कसुम्बो रुदियो,
सोनी धड़जे ईश्वरजी रो मुदड़ो,
वांकी राण्या रो नवसर्यो हार, म्हांरी गोरल कसुम्बो रुदियो।
वातो हार की छोलना उबरी बाई
सोधरा बाई हो तिलक लिलाड़ म्हारे गोर कसुम्बो रुदियो।
(नोट- इसके आगे अपने पति का नाम लेना चाहिए)