तर्ज़ -‘तुम्हीं मेरे मंदिर, तुम्हीं मेरी पूजा
दया कर कन्हैया, दया कर मुरारी ।
तेरा दास हूँ मैं तो, बाँके बिहारी ।।दया कर कन्हैया, दया कर मुरारी ।
तेरा दास हूँ मैं तो, बाँके बिहारी ।।
तुम्हारा मेरा प्यार, नया तो नहीं है,
मेरे वास्ते तो तूं, दयालु वही है,
चले आओ लीलै की, करके सवारी ।
तेरा दास हूँ मैं तो, बाँके बिहारी ।।
तुम्हीं मेरे अरमां, मुरली मनोहर,
तूं ही तो है मेरी, पुरानी धरोहर,
नया रंग लाई है, दाता की यारी ।
तेरा दास हूँ मैं तो, बाँके बिहारी ।।
शिकंजे में तेरे, ये जीव आ गया है,
मुझे दीनबन्धु का, पता पा गया है,
तेरी चुभ गई है, दृगन की कटारी ।
तेरा दास हूँ मैं तो, बाँके बिहारी ।।
तुम्हीं तो मधुर बैण, के हो बजैया,
तुम्हीं श्यामबहादुर, ‘शिव’ के खिवैया,
मिलन की है दिल में, बड़ी बेकरारी ।
तेरा दास हूँ मैं तो, बाँके बिहारी ।।
दया कर कन्हैया, दया कर मुरारी ।
तेरा दास हूँ मैं तो, बाँके बिहारी ।।दया कर कन्हैया, दया कर मुरारी ।
तेरा दास हूँ मैं तो, बाँके बिहारी ।।