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शिव भजन लिरिक्सshiv bhajan lyrics

Shankar baithe hai kailash Mata Parvati ke sath,शंकर बैठे हैं कैलाशमाता पार्वती के साथ,shiv bhajan

शंकर बैठे हैं कैलाश
माता पार्वती के साथ

तर्ज :– लेके पहला पहला प्यार


शंकर बैठे हैं कैलाश
माता पार्वती के साथ
जो भी आए मनाए
उसका भर देते भंडार
शंकर बैठे हैं कैलाश।


नीत उठ बाबा तेरा ध्यान लगाऊं
भोग लगाऊं थारी आरती उतारूं
सुंदर सा करके श्रृंगार,
तिरशुल डमरू लेके हाथ
जो भी आए मनाए
उसका भर देते भंडार
शंकर बैठे हैं कैलाश।


तेरी छवि प्यारी बाबा मन में बसी है
गले मुंड माल और मुख पे हंसी है
भांग धतूरा है परसाद
छप्पन भोग की ना है आस
जो भी आए मनाए
उसका भर देते भंडार
शंकर बैठे हैं कैलाश।


नंदी पे आप मां पार्वती है सागे
गणेश और कार्तिक चरणों में थारे
डम डम डमरू की झंकार
फूलों की होती बौछार
देवता आय निहारे
करें थारी जय जयकार
शंकर बैठे हैं कैलाश।


भोले बाबा तेरी लीला है न्यारी
पाते हैं भक्ति जो आए बनके पुजारी
सेवा की ना कोई आस
दीनो का जो देते साथ
भोले बाबा सदा ही
देता है उसका साथ
शंकर बैठे हैं कैलाश।


शंकर बैठे हैं कैलाश,माता पार्वती के साथ,
जो भी आए मनाए
उसका भर देते भंडार
शंकर बैठे हैं कैलाश

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