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विविध भजन

Wahi din ki khabariya Karo re bande,वा ही दिन की खबरिया करो रे बन्दे,

वा ही दिन की खबरिया,
करो रे बन्दे,

वा ही दिन की खबरिया,
करो रे बन्दे,
वाही दिन की खबरिया,
करो रे बन्दे।
जब दम टूटे,
तन धन छूटे,
छूटे घर और नगरीया,
छूटे घर और नगरीया,
करो रे बन्दे,
वाही दिन की खबरिया,
करो रे बन्दे।



जिस अभिमान में,
फूल रहा तू,
सो सदक़ाम ना आएगा,
तन धन काम,
स्वजन अरु परिजन,
साथ कोई ना जायेगा,
जितने मिलते सब छूट जाते,
देखो खोल नज़रिया,
करो रे बन्दे,
वाही दिन की खबरिया,
करो रे बन्दे।



है सौभाग्य नर तन पाया,
सोचो यह बर्बाद ना हो,
न्याय प्रेम से चलो जगत में,
तुमसे किसी को विवाद ना हो,
हम सब हैं, परदेसी यहाँ पर,
हिलमिल करे ग़ुजरिया,
करो रे बन्दे,
वाही दिन की खबरिया,
करो रे बन्दे।



यह जीवन तन, पोषण धन जन,
अर्जन विषय विलास में,
बीत रहा है, तू तू मैं मैं,
छल प्रपंच बकवास में,
जो यह अवसर चूक गया वह,
पुनः जाए चौरसिया,
करो रे बन्दे,
वाही दिन की खबरिया,
करो रे बन्दे।



वा ही दिन की खबरिया,
करो रे बन्दे,
वाही दिन की खबरिया,
करो रे बन्दे।
जब दम टूटे,
तन धन छूटे,
छूटे घर और नगरीया,
छूटे घर और नगरीया,
करो रे बन्दे,
वाही दिन की खबरिया,
करो रे बन्दे।

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