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निर्गुण भजन nirgun Bhajan

Mati ko tando tharo mati ban jasi re,माटी को तनड़ो थारो माटी बन जासी रे,

माटी को तनड़ो थारो माटी बन जासी रे

तर्ज पिलो रँगादो जी

माटी को तनड़ो थारो माटी बन जासी रे 2
कोई ए ना साथी सागे जासी भोला भाई रे 2
हँसलो उड़ ज्यासी रे।

भाइ बन्धु कुटम्ब कबीलो कांई काम थारे आसी रे 2
तन में थारे पनपे पीड़ा खाट पड्यो कुरलासी रे 2
हँसलो उड़ ज्यासी रे।
माटी रो तनड़ो थारो मति बन ज्यासी रे। 2
कोई ये ना साथी साग जासी भोला भाई रे
हँसलो उड़ जासी रे।


धन दौलत स्यु भर्या खजाना काई काम थारे आसी रे 2बन्दी मूठी आयो रे बन्दा खाली मूठी जैसी रे 2
हँसलो उड़ ज्यासी रे।
माटी रो तनड़ो थारो माटी बन ज्यासी रे। 2
कोई ए ना साथी साग जासी भोला भाई रे
हँसलो उड़ जासी रे।


चार दीना तक तिरिया रोव फिर घर नया बनासी रे 2
माता थारी झर झर रोव पण संग ना जा पासी रे। 2
हँसलो उड़ जासी रे।
माटी तनड़ो थारो माटी बन जासी रे 2कोई ए ना साथी साग जासी भोला भाई रे
हँसलो उड़ जासी रे।


क्यों तूं बांधी पाप गाँठड़ी भव भव गोता खासी रे 2
कर तू अछ्यो काम जगत में नाम अमर हो जासी रे 2हँसलो उड़ जासी रे
माटी रो तनड़ो थारो माटी बन जासी रे 2
कोई ये ना साथी साग जासी भोला भाई रे
हँसलो उड़ जासी रे।


इतना गर्व करो ना मनवा फिर पाछे पच्छतासी रे 2
राम नाम को रटन करो भाई भव सागर तीर ज्यासी रे 2 हँसलो उड़ जासी रे।
माटी रो मनड़ो थारो माटी बन ज्यासी रे 2कोई ए ना साथी साग जासी भोला भाई रे
हँसलो उड़ जासी रे।

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