तर्ज, अब तो आन मिलो सजना
फागण आयो रंग रंगीलो नाचे मन बावरिया। चलो श्याम की नगरिया, खाटू चलो। चलो श्याम की नगरिया, खाटू चलो।
मोर पपीहा कोयल कुके बाबा की अटरिया। चलो श्याम की नगरिया, खाटू चलो।चलो श्याम की नगरिया, खाटू चलो।
कई श्याम ध्वजा लेकर आए, कई पेट पलानिया आए। उसकी झोली भरी मेरे श्याम ने, फुल आंसुओं के जिसने चढ़ाये। खाटू चालो खाटू चालो। खाटू वाले बाबा रखते भक्तों की खबरिया। चलो श्याम की नगरिया, खाटू चलो।चलो श्याम की नगरिया, खाटू चलो।
ईब के होली में करंगा कमाल महे, बाबा श्याम के मलंगा गुलाल महे।देखूं कैयां बचेगो संवारियों।चाल के अपनी टेढ़ी सी चाल वो। खाटू चालो खाटू चालो। 5 मेल का रंग सजाया में सारा टाबरिया। चलो श्याम की नगरिया, खाटू चलो।चलो श्याम की नगरिया, खाटू चलो।
नरसी मीरा और धन्ना ने पाया, श्याम आगे खड़ा उसने पाया। गजराज को है ग्रह से छूटाकर कहीं गणिका का भाग्य जगाया। खाटू चालो खाटू चालो।लक्खा पर हरदम ही रखना मेहर की नजरिया।चलो श्याम की नगरिया, खाटू चलो।चलो श्याम की नगरिया, खाटू चलो।
फागण आयो रंग रंगीलो नाचे मन बावरिया। चलो श्याम की नगरिया, खाटू चलो। चलो श्याम की नगरिया, खाटू चलो।