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krishna bhajan lyrics कृष्ण भजन लिरिक्स

Hari hum kab honge vrijwasi,हरि हम कब होंगे ब्रजवासी,krishna bhajan

हरि हम कब होंगे ब्रजवासी

हरि हम कब होंगे ब्रजवासी । ठाकुर नन्द किशोर हमारे ठकुरानी राधा सी ।।हरि हम कब होंगे ब्रजवासी ।



वंशीवट की शीतल छैयाँ।
सुभग बहे यमुना सी, हरि हम कब होंगे ब्रजवासी।हरि हम कब होंगे ब्रजवासी । ठाकुर नन्द किशोर हमारे ठकुरानी राधा सी ।।हरि हम कब होंगे ब्रजवासी ।



कब मिली है वह सखी सहेली।
हरि वंशी हरि दासी, हरि हम कब होंगे ब्रजवासी।हरि हम कब होंगे ब्रजवासी । ठाकुर नन्द किशोर हमारे ठकुरानी राधा सी ।।हरि हम कब होंगे ब्रजवासी ।



या वैभव की करत लालसा।
कर मीझत कमला सी। हरि हम कब होंगे ब्रजवासी।हरि हम कब होंगे ब्रजवासी । ठाकुर नन्द किशोर हमारे ठकुरानी राधा सी ।।हरि हम कब होंगे ब्रजवासी ।



ऐसी आस व्यास की पूजिवो ।विपिन विलासी वृन्दा।हरि हम कब होंगे ब्रजवासी ।।हरि हम कब होंगे ब्रजवासी । ठाकुर नन्द किशोर हमारे ठकुरानी राधा सी ।।हरि हम कब होंगे ब्रजवासी ।

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