हरि हम कब होंगे ब्रजवासी । ठाकुर नन्द किशोर हमारे ठकुरानी राधा सी ।।हरि हम कब होंगे ब्रजवासी ।
वंशीवट की शीतल छैयाँ।
सुभग बहे यमुना सी, हरि हम कब होंगे ब्रजवासी।हरि हम कब होंगे ब्रजवासी । ठाकुर नन्द किशोर हमारे ठकुरानी राधा सी ।।हरि हम कब होंगे ब्रजवासी ।
कब मिली है वह सखी सहेली।
हरि वंशी हरि दासी, हरि हम कब होंगे ब्रजवासी।हरि हम कब होंगे ब्रजवासी । ठाकुर नन्द किशोर हमारे ठकुरानी राधा सी ।।हरि हम कब होंगे ब्रजवासी ।
या वैभव की करत लालसा।
कर मीझत कमला सी। हरि हम कब होंगे ब्रजवासी।हरि हम कब होंगे ब्रजवासी । ठाकुर नन्द किशोर हमारे ठकुरानी राधा सी ।।हरि हम कब होंगे ब्रजवासी ।
ऐसी आस व्यास की पूजिवो ।विपिन विलासी वृन्दा।हरि हम कब होंगे ब्रजवासी ।।हरि हम कब होंगे ब्रजवासी । ठाकुर नन्द किशोर हमारे ठकुरानी राधा सी ।।हरि हम कब होंगे ब्रजवासी ।