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निर्गुण भजन nirgun Bhajan

Chali ja rahi hai yah jeewan ki rel,चली जा रही है यह जीवन की रेल,

चली जा रही है यह जीवन की रेल

चली जा रही है यह जीवन की रेल। खिलौना समझ कर इसे यूं ना खेल।खिलौना समझ कर इसे यूं ना खेल।

कुशल कारीगर ने है इसको बनाया। बड़ी अकल मंदी से इसको सजाया। पड़े इसके इंजन में कर्मों का तेल। खिलौना समझ कर इसे यूं ना खेल।

चली जा रही है यह जीवन की रेल। खिलौना समझ कर इसे यूं ना खेल।खिलौना समझ कर इसे यूं ना खेल।खिलौना समझ कर इसे यूं ना खेल।

किसी को उतारे किसी को चढ़ावे। घड़ी दो घड़ी के मुसाफिर है सारे। यहीं पर जुदाई यहीं पर है मेल।खिलौना समझ कर इसे यूं ना खेल।खिलौना समझ कर इसे यूं ना खेल।

चली जा रही है यह जीवन की रेल। खिलौना समझ कर इसे यूं ना खेल।खिलौना समझ कर इसे यूं ना खेल।

अगर इसमें आए कोई खराबी। कदम दो कदम भी सरकने ना पाए। करा देगी यह एक पल में है मेल। खिलौना समझ कर इसे यूं ना खेल।खिलौना समझ कर इसे यूं ना खेल।

चली जा रही है यह जीवन की रेल। खिलौना समझ कर इसे यूं ना खेल।खिलौना समझ कर इसे यूं ना खेल।

ना अपनी खुशी से यहां लोग आते। मगर फिर भी आकर दिन है बिताते। कोई समझे मंजिल कोई समझे जेल। खिलौना समझ कर इसे यूं ना खेल।खिलौना समझ कर इसे यूं ना खेल।

चली जा रही है यह जीवन की रेल। खिलौना समझ कर इसे यूं ना खेल।खिलौना समझ कर इसे यूं ना खेल।

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