सिंग सजा दिया, मेह बरसा दिया, रण में भेज दी ज्वाला। बावन भेरू चौसठ योगिनी आगे भेरू मतवाला।बावन भेरू चौसठ योगणी, आगे भेरू मतवाला ।।
प्रथम हाथ में खड्ग मात के, दूजे हाथ में चमके भाला। हाथ तीसरे में डमरू बाजे, चौथे हाथ में मद का प्याला ।सिंग सजा दिया, मेह बरसा दिया, रण में भेज दी ज्वाला। बावन भेरू चौसठ योगिनी आगे भेरू मतवाला।बावन भेरू चौसठ योगणी, आगे भेरू मतवाला ।
हाथ पाँचवे तुरी मात के, छठे हाथ में भिच्छा ला, हाथ सातवे में रहे आरती, अष्ठ भूझा तेरी ह माला।सिंग सजा दिया, मेह बरसा दिया, रण में भेज दी ज्वाला। बावन भेरू चौसठ योगिनी आगे भेरू मतवाला।बावन भेरू चौसठ योगणी, आगे भेरू मतवाला ।।
गांगा दास ब्राहण गावे, तिरसुल पर रहने वाला । जो कोई निंद्रा करे मात की, उसका मुण्डा हो काला ।सिंग सजा दिया, मेह बरसा दिया, रण में भेज दी ज्वाला। बावन भेरू चौसठ योगिनी आगे भेरू मतवाला।बावन भेरू चौसठ योगणी, आगे भेरू मतवाला ।।