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Gajraj bhayo jad aadhi rain tisayo,गजराज भयो जद आधी रैन तिसायो,ganesh bhajan

गजराज भयो जद आधी रैन तिसायो

गजराज भयो जद आधी रैन तिसायो।ले निज नारी को संग सरवर पर आयो।गजराज भयो जद आधी रैन तिसायो।ले निज नारी को संग सरवर पर आयो।ले निज नारी को संग सरवर पर आयो।

नारी जल बाहर खड़ी बीच गज धायो। जद गृहबली ने अपनो चक्र चालायो। पकड़यो जा गज को पांव चोर बतलायो। कुंजर गयो हिम्मत हार बहुत घबरायो। जहां चले ना जिसका जोर धाम परायों।गजराज भयो जद आधी रैन तिसायो।ले निज नारी को संग सरवर पर आयो।ले निज नारी को संग सरवर पर आयो।गजराज भयो जद आधी रैन तिसायो।ले निज नारी को संग सरवर पर आयो।ले निज नारी को संग सरवर पर आयो।

जब जोपर रह गई सूंड नीर के बाहरे। तब अपने मुंख से प्रभु को नाम ऊंचारे प्रभु ब्रज के कारण गिरी नख ऊपर धारे।अब बेगी खबर लो राख जान हम हारे।प्रभु किन के कारण नाथ अनाथ कहाओ।ले निज नारी को संग सरवर पर आयो।ले निज नारी को संग सरवर पर आयो।गजराज भयो जद आधी रैन तिसायो।ले निज नारी को संग सरवर पर आयो।ले निज नारी को संग सरवर पर आयो।

प्रभु गज की सुनी रे पुकार नींद बिसराकर।में करूं भगत की सहाय तुरंत अब जाकर।लक्ष्मी बोली कर जोड शीश नवाकर। थारे सिर पर आधी रैन जाओ रे सुस्ता कर।करी कोई करुण पुकार भगत ने बचाओ।ले निज नारी को संग सरवर पर आयो।ले निज नारी को संग सरवर पर आयो।गजराज भयो जद आधी रैन तिसायो।ले निज नारी को संग सरवर पर आयो।ले निज नारी को संग सरवर पर आयो।

तब लक्ष्मी जी को कृष्णचंद्र समझावे। में कैसे करूं आराम भगत दुख पावे।मेरो करुणा सिंधु नाम बैठ यो गावे।प्राणों से प्यारो भगत मेरे मन भायो।ले निज नारी को संग सरवर पर आयो।ले निज नारी को संग सरवर पर आयो।गजराज भयो जद आधी रैन तिसायो।ले निज नारी को संग सरवर पर आयो।ले निज नारी को संग सरवर पर आयो।

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