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विविध भजन

Le gamcha gale me daal tulsi ji chale sasural,ले गमछा गले में डाल तुलसी जी चले ससुराल।

ले गमछा गले में डाल तुलसी जी चले ससुराल।

ले गमछा गले में डाल,तुलसी जी चले ससुराल।ले गमछा गले में डाल,तुलसी जी चले ससुराल।

वो चली जात भादो की रात,छाई अंधियारी है। प्यारा लगे ना प्राण,प्राणों  से प्यारी नारी है।ले गमछा गले में डाल,तुलसी जी चले ससुराल।ले गमछा गले में डाल,तुलसी जी चले ससुराल

बाहर जाकर हंकारे वहां कौन सुने। बंद हो रहे सब दरवाजे वहां कौन सुने।वो समझ रास लियो पकड़ सांप,चढ़ गए अटारी है।प्यारा लगे ना प्राण,प्राणों  से प्यारी नारी है।ले गमछा गले में डाल,तुलसी जी चले ससुराल।ले गमछा गले में डाल,तुलसी जी चले ससुराल।

तुम कैसे आए स्वामी। तुम इतने क्यों बन गए चाम के कामी। करो प्रभु से प्रीत वही सच्चा मीत यही अचरज धारी हैप्यारा लगे ना प्राण,प्राणों  से प्यारी नारी है।ले गमछा गले में डाल,तुलसी जी चले ससुराल।ले गमछा गले में डाल,तुलसी जी चले ससुराल।

सोते को मुझे जगाया, तुम गुरु मेरी, तूने ही ज्ञान सिखाया। तूने ज्ञान दिया मैंने मान लिया अब तुम महतारी है।प्यारा लगे ना प्राण,प्राणों  से प्यारी नारी है।ले गमछा गले में डाल,तुलसी जी चले ससुराल।ले गमछा गले में डाल,तुलसी जी चले ससुराल।

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