मथुरा देखया काशी देखया देख लिया हरिद्वार मने।सब ते न्यारा प्यारा लागे बालाजी दरबार मने।
नैया डोलनी बंद होगी में और सहारा क्या देखूं। नैनों में बस यही समाया और नजारा क्या देखूं। कसम राम की इब मिली से सही सच्ची सरकार मने।सब ते न्यारा प्यारा लागे बालाजी दरबार मने।
मथुरा देखया काशी देखया देख लिया हरिद्वार मने।सब ते न्यारा प्यारा लागे बालाजी दरबार मने।
शंकर का त्रिशूल करे जो काम करे तेरे सोटे ने। हर पल बाबा आप मेटते संकट छोटे-मोटे ने। लाल लंगोटे के बदले में खूब मिला से प्यार मने।सब ते न्यारा प्यारा लागे बालाजी दरबार मने।
मथुरा देखया काशी देखया देख लिया हरिद्वार मने।सब ते न्यारा प्यारा लागे बालाजी दरबार मने।
मेहंदीपुर में कदम धरे जब हुई शांति मनके माय। तेरे नाम का कीर्तन सुन सुन शौक जाग गया मन के माय। श्रीराम का रंग लिया चोला पागल कहे संसार मने। सब ते न्यारा प्यारा लागे बालाजी दरबार मने।
मथुरा देखया काशी देखया देख लिया हरिद्वार मने।सब ते न्यारा प्यारा लागे बालाजी दरबार मने।
कमल सिंह मन साची कहवे था बाबा संकट हारी से।खोटा संगत रोक सका ना जिंदगी लागे प्यारी से।सब बता के ठाठ ला दिए कह दी रुके मार मने।सब ते न्यारा प्यारा लागे बालाजी दरबार मने।
मथुरा देखया काशी देखया देख लिया हरिद्वार मने।सब ते न्यारा प्यारा लागे बालाजी दरबार मने।